राजस्थान जिला दर्शन: 'चूरू जिला दर्शन'-

👉 काले हिरणों के अभयारण्य (ताल छापर अभयारण्य) के लिए विश्व में प्रसिद्ध Rajasthan  का Churu जिला अपने हवेलियों के लिए भी प्रसिद्ध रहा है। यहां की 6 मंजिली सुराणा हवेली (जिसमें एक सौ दस  दरवाजे -खिड़कियां हैं), ढोला मारु के चित्र, कोठारी हवेली आदि प्रसिद्ध है। Rajasthan का Churu जिला राज्य में सबसे कम वन क्षेत्र वाला जिला है। इस जिले से कोई भी नदी प्रवाहित नहीं होती है। 
राजस्थान जिला दर्शन: 'चूरू जिला दर्शन'- CHURU
चूरू जिला दर्शन

Churu जिले का सामान्य परिचय |
  • Churu जिले का क्षेत्रफल : 16830 वर्ग Km.। 
  • Churu जिला राजस्थान का सर्वाधिक तापांतर वाला जिला है। 
  • Churu जिले की स्थापना चूहड़ा जाट ने 1620 ई. में की थी। 
  • Churu जिला वर्तमान में राजस्थान के बीकानेर संभाग में आता है। 
  • 1 नवंबर 1956 को राजस्थान के एकीकरण पूर्ण होने के तहत Churu को जिले का दर्जा प्राप्त हुआ था। 

Churu जिले की मानचित्र में स्थिति | स्थिति एवं विस्तार

🔰 अक्षांशीय स्थिति : 27° 24' Northern Latitude से 29° Northern Latitude तक। 

🔰 देशांतरीय स्थिति : 73° 44' East Longitude से 75° 41' East Longitudea तक। 

Churu जिले में विधानसभा क्षेत्र | 

Churu जिले में Total 6 विधानसभा क्षेत्र हैं :-
  1. सादुलपुर 
  2. तारानगर 
  3. Churu 
  4. सरदारशहर 
  5. रतनगढ़ 
  6. सुजानगढ़

2011 की जनगणना के अनुसार Churu जिले की जनसंख्या/घनत्व/लिंगानुपात/साक्षरता के आंकड़े

  • Churu की कुल जनसंख्या:  20,39,547
  • चूरु का लिंगानुपात : 940 
  • Churu में जनसंख्या घनत्व : 147 
  • Churu की साक्षरता दर : 66.8% 
  • Churu की Male  साक्षरता दर : 78.8 प्रतिशत 
  • Churu की Female साक्षरता दर : 54 प्रतिशत

Churu के प्रमुख मेले और त्योहार | 

मेला

स्थान

दिन

भभूता सिद्ध का मेला            चंगोई (तारानगर)भादवा सुदी 7 
गोगा मेलाददरेवा            भाद्रपद कृष्णा 9  (गोगानवमी)
सालासर बालाजी का मेला
    सालासर (सुजानगढ़)    चैत्र व कार्तिक पूर्णिमा



Churu के प्रमुख / शीर्ष मंदिर

✍ सालासर बालाजी का मंदिर ➡️

इस मंदिर की स्थापना वर्ष 1754 ई. में Mahatma Shree  MohanDash जी ने की थी।आसोटा गांव में Mahatma Shree  MohanDash जी को हल चलाते समय दाढ़ी-मूंछ युक्त हनुमान जी की मूर्ति मिली थी उन्होंने सुजानगढ़ तहसील के सालासर गांव में सालासर बालाजी का टेम्पल  बनवाया था। यहां पर आश्विन एवं चैत्र की पूर्णिमा को हर वर्ष मेला भरता है। यह मंदिर दाढ़ी-मूंछ युक्त हनुमानजी का देश में प्रथम मंदिर है। इस मंदिर के बीच में जाल का पेड़ हैं, जिस पर भक्त अपनी कामना पूर्ति के लिए नारियल और धजा बांधते हैं। 

✍ शीर्षमेडी, ददरेवा ➡️
मुस्लिम लुटेरों (महमूद गजनबी) से युद्ध (गौरक्षार्थ) के दौरान गोगाजी का सिर ददरेवा (Churu) में गिरा था। लोक देवता गोगाजी का जन्म स्थल ददरेवा (Churu) में है। गोगा नवमी को गोगाजी के भक्तों द्वारा गोगाजी के राखी चढ़ाई जाती है। ददरेवा में गोगाजी की शीर्षमेड़ी है। गोगाजी को गौरक्षक देवता/साँपों का देवता/नागराज (हिंदू)/गोगापीर (मुस्लिम)/जाहरपीर(महमूद गजनबी द्वारा) आदि नामों से पुकारा जाता है। 
  • गोगाजी के पिता का नाम - जेवर 
  • माता का नाम - बाछल
  • पत्नी का नाम - केमलदे/रानी धीमल 
  • गुरु का नाम - गोरखनाथ, 
  • पुत्र का नाम - केशरियाजी 
  • गोगाजी की सवारी - नीली घोड़ी। 

गोगाजी की नीली घोड़ी को "गोगा बाप्पा" कहते है। प्रत्येक किसान खेत की जुताई शुरू करते समय हल व हाली के "गोगा राखडी" बांधते है, जिसमें नौ गांठे होती है। 

✍ वैंकटेश्वर/तिरुपति बालाजी सुजानगढ़ ➡️
इसका निर्माण वेंकटेश्वर फाउंडेशन ट्रस्ट के सोहनलाल जानोदिया ने वर्ष 1994 में सुजानगढ़ में भगवान वेंकटेश्वर तिरुपति बालाजी के मंदिर का निर्माण करवाया था। यह मंदिर Dr. M. नागराज एवं Dr. वैकटाचार्य  वास्तुविद की देखरेख में ग्रेनाइट, इटालियन Marble तथा मकराना Marble से लगभग दस हजार वर्ग फीट क्षेत्र में बनवाया गया था। यह मंदिर लगभग 75 Feet  ऊंचा है। 

Churu के दर्शनीय / पर्यटन स्थल

✍ Churu का किला ➡️
इस किले का निर्माण वर्ष 1739 में ठाकुर कुशाल सिंह द्वारा करवाया था। यहां के ठाकुरों ने अपनी रक्षा के लिए शत्रुओं पर गोला और बारूद खत्म हो जाने पर चांदी के गोले बनाकर दुश्मनों पर दागे थे। इसलिए चांदी के गोले दागने वाला किला - Churu का किला है। 

✍ बीनादेसर का किला ➡️
इस किले का निर्माण वर्ष1757 ई. में ठाकुर दुल्लेसिंह (Bikaner के राजा गंगासिंह के दीवान) द्वारा करवाया गया। 

 ताल छापर वन्यजीव अभयारण्य ➡️
इसका पुराना नाम द्रोणपुर (वर्तमान में सुजानगढ़) था। यह अभ्यारण्य काले हिरण एवं कुरंजा पक्षी (स्थानीय नाम खिंचन) की शरण स्थली है।  वर्षा ऋतु में यहां नरम घास "मोथिया'' एवं "मोचिया सायप्रस रोटेन्डस" उगती है। 

✍ साहवा गुरुद्वारा ➡️
साहवा गुरुद्वारा का सम्बन्ध गुरुनानकदेव व गुरु गोविन्द सिंह जी से रहा है। कार्तिक मास की पूर्णिमा को यहां पर भव्य मेला लगता है। 

Churu के अन्य महत्वपूर्ण प्रश्न/तथ्य |

  • राज्य का प्रथम सहकारी क्षेत्र का महिला मिनी बैंक - सालासर (Churu) में  स्थित है। 
  • सर्वाधिक गर्म जिला एवं स्थान - Churu। 
  • संवत्सर-कोटसर सबसे बड़ा आखेट निषिद्ध क्षेत्र, Churu में स्थित है। 
  • सर्वाधिक तापांतर वाला जिला Churu है। 
  • राज्य का सबसे कम वन क्षेत्र वाला जिला - Churu है। 
  • नगर श्री लोक संस्कृति शोध संस्थान (1964 में सुबोध कुमार अग्रवाल द्वारा) Churu में स्थापित। 
  • सर्दियों में सर्वाधिक ठंडा एवं गर्मियों में सर्वाधिक गर्म जिला - Churu। 
  • सर्वाधिक वार्षिक तापांतर वाला जिला - Churu। 
  • तालछापर बांध Churu में स्थित है। 
  • चन्दन की मूर्तियों के काम के लिए Churu प्रसिद्ध है। 
  • अलखिया सम्प्रदाय -  इस सम्प्रदाय के संस्थापक स्वामी लालगिरि थे। जिनका जन्म Churu में हुआ तथा इनकी प्रधान पीठ बीकानेर जिले में है।
  •  Churu की प्रमुख हवेलियाँ : सुरानों के हवामहल (हवेली), मंत्रियों की मोती हवेली, रामविलास गोयनका की हवेली, दानचन्द चौपड़ा की हवेली (सुजानगढ़) . 
  • बीघाजी स्मारक , सुजानगढ़ (Churu) में स्थित है। 
  • सिक्खों का सबसे बड़ा मेला - साहवा Churu में कार्तिक पूर्णिमा को भरता है। 
  • नौहर साहवा लिफ्ट नहर - इंदिरा गाँधी नहर की नौहर साहवा लिफ्ट नहर Churu जिले को सिंचाई हेतु जल उपलब्ध करवाती है। 
  • राजीव गाँधी सिद्धमुख नौहर परियोजना : Churu जिले के राजगढ़/सार्दुलपुर/तारानगर को इस लिफ्ट से जल आपूर्ति की जाती है। 
  • गन्धेली साहबा लिफ्ट नहर : यह लिफ्ट नहर श्रीगंगानगर से Churu तक आती है। इसका नया नाम चौधरी कुम्भाराम लिफ्ट नहर रखा गया है। 
  • मंशा देवी - Churu क्षेत्र की लोक देवी है। 
  • द्रोणपुर - द्रोणाचार्य की आश्रम स्थली है , GopalPur 
  • उत्तराभिमुख सिंधी मंदिर - सुजानगढ़ में स्थित यह मंदिर कांच की जड़ाई तथा स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध है। 
  • प्रसिद्ध उद्योगपति लक्ष्मीनिवास मित्तल सुजानगढ़ (Churu) के निवासी है। 

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